राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा कि किसी डॉक्टर ने बजट पूर्व चर्चा में मेरे ऑपरेशन पर तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दिया है। 2019 फरवरी में मेरा हार्निया का ऑपरेशन हुआ।
बयानबाजी से राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत बहुत नाराज हो गए हैं। राजस्थान डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को सीएमओ में प्री-बजट बैठक में कांग्रेस सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को इस सदी की सबसे अव्यवहारिक, अलोकतांत्रिक और असफल योजना बताया। डॉक्टर्स ने सीएम भजनलाल से कहा कि चिरंजीवी इस सदी का असफल प्रयास था। गहलोत ने मुंबई में हर्निया का ऑपरेशन करवाया क्योंकि यहां केवल 17 हजार लोग हैं। अशोक गहलोत ने इस पर पलटवार किया है।
गहलोत ने एक्स पर लिखा कि बजट पूर्व चर्चा के लिए सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। मीडिया ने मंगलवार को बैठक में डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि को बताया कि किसी डॉक्टर ने मेरे ऑपरेशन पर गलत बयान दिया है। जबकि चिरंजीवी योजना मई 2021 से शुरू हुई, मेरा हार्निया का ऑपरेशन फरवरी 2019 में हुआ था।
कल बजट पूर्व चर्चा में किसी डॉक्टर द्वारा मेरे ऑपरेशन पर तथ्यात्मक रूप से गलत बयान मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है। मेरा हार्निया का ऑपरेशन फरवरी, 2019 में हुआ था जबकि चिरंजीवी योजना मई 2021 से शुरू हुई थी।
मेरी आर्टरी में ब्लॉकेज, पैरों के अंगूठों में फ्रैक्चर एवं कोविड… pic.twitter.com/k1EqlO9otw
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 19, 2024
जयपुर के SMS अस्पताल में मेरी आर्टरी में ब्लॉकेज, पैरों के अंगूठों में फ्रैक्चर और कोविड के बाद हैप्पी हाइपोक्सिया का इलाज हुआ, इसलिए मैं वहां कुछ दिन भर्ती रहा और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर इलाज करवाया। लाखों लोगों का जीवन चिरंजीवी योजना से सुधर गया है। ये योजनाएं नहीं होती तो गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों की संपत्ति बेच दी जाती। निजी अस्पतालों में काम करने वाले कुछ डॉक्टरों को ऐसे झूठ बोलने से बचना चाहिए. वे अच्छी योजनाओं और मेडिकल जैसे पवित्र क्षेत्र को बदनाम करते हैं।
राइट टू हेल्थ का कानून हमारी सरकार ने बनाया ताकि आपातकालीन स्थिति में निशुल्क इलाज मिल सके। वर्तमान सरकार को डॉक्टर एसोसिएशन से सहमत होकर राइट टू हेल्थ के नियमों को जल्द से जल्द बनाकर लागू करना चाहिए ताकि राजस्थान के हर नागरिक को चिकित्सा का अधिकार मिल सके।