Shaktipeeth Temple : पूर्णागिरि मंदिर, 52 शक्तिपीठ में से एक है, उत्तराखंड में टनकपुर के निकट है।
- माता सती की नाभि यहीं गिरी थी। यदि आप भी इस प्राचीन मंदिर को देखने की इच्छा रखते हैं, तो चलिए जानते हैं सबसे आसान और सस्ता तरीका।
Shaktipeeth Temple : देश भर में माता सती को समर्पित बहुत से प्राचीन मंदिर हैं, जिनकी लोगों में खास आस्था है। 52 शक्तिपीठ की महिमा अनंत है। जहां प्रत्येक व्यक्ति की मनोकामना दर्शन से पूरी होती है टनकपुर, उत्तराखंड, करीब 17 किमी समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर 108 सिद्धपीठों में से एक है। देश भर में यह मंदिर पूर्णागिरी मंदिर के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी सती की नाभि इसी स्थान पर गिरी थी।
चलिए जानते हैं दिल्ली से पूर्णागिरि मंदिर तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका। इसके अलावा, बस और ट्रेन के किराये की जानकारी भी मिलेगी।
पूर्णागिरि मंदिर जाना कैसे है?
दिल्ली से पूर्णागिरि मंदिर तक पहुंचने के तीन तरीके हैं: बस, ट्रेन और प्लेन। टनकपुर बस अड्डे से दिल्ली के बस अड्डे तक प्राइवेट बस जाती है, जिसका किराया 900 रुपये प्रति व्यक्ति है। यदि आप सरकारी बस से जाना चाहते हैं, तो आनंद विवाह बस स्टेशन से बस मिल जाएगी, जिसका किराया लगभग 525 रुपये है।
टनकपुर भी ट्रेन से जा सकते हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक किराया 180 से 625 रुपये है। यह ट्रेन सुबह 06:25 पर चलती है और शाम 4 बजे टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुंचती है।
तुम्हारी निकटतम हवाई अड्डा कौन-सा है?
ध्यान दें कि पंतनगर हवाई अड्डा पूर्णागिरि मंदिर से लगभग 145 किमी दूर है, जहां आपको दिल्ली से फ्लाइट मिलेगी। आप टनकपुर रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन या हवाई अड्डे से किराए की गाड़ी ले सकते हैं, जो आपको मंदिर के पास सीधे ले जाएगा. प्रति व्यक्ति किराया 70 रुपये है। दो घंटे की खड़ी चढ़ाई करने के बाद आप पूर्णागिरि मंदिर देखेंगे।
भैरव बाबा को देखना अनिवार्य है
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णागिरि मंदिर के दर्शन करने से पहले भैरव बाबा की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि इससे पूजा का पूरा लाभ मिलेगा। पूर्णागिरि मंदिर से गाड़ी या पैदल चलकर भैरव बाबा का मंदिर है। भैरव बाबा के मंदिर से भभूति घर लाना शुभ है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-शांति और परिवार का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इससे हर किसी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
विवरण: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और सिर्फ जानकारी के लिए है।