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राजसमन्द जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में शुरू किए गए ‘प्रोजेक्ट श्रम संबल’ के तहत ‘निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना’ से श्रमिकों के बच्चों को मिशन मोड पर जोड़ने का कार्य किया गया है। इस अभियान की बदौलत दस गुना प्रगति सुनिश्चित कर निर्माण श्रमिकों के बड़े तबके को राहत दी गई है।
प्रोजेक्ट श्रम संबल: जिले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना के अंतर्गत 570 बच्चों के आवेदन स्वीकृत कर 52 लाख की छात्रवृति स्वीकृत की गई थी। वहीं वित्तीय वर्ष 2024—2025 में अब तक 5436 आवेदन स्वीकृत कर 5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
अभियान की सफलता के लिए शिक्षा, ग्रामीण विकास और श्रम विभाग के अधिकारियों ने 24 घंटे तन्मयता से जुट कर अधिकाधिक प्रगति सुनिश्चित की। यह अभियान प्राथमिक तौर पर ग्राम एमड़ी, भाणा से शुरू किया था। अब प्रशासन का लक्ष्य है कि इसी वर्ष इस प्रगति को और दोगुना कर प्रत्येक पात्र श्रमिक के बच्चों को इसमें लाभान्वित किया जाए।
यह है योजना :
भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल, राजस्थान द्वारा निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा सहायता प्रदान करने हेतु “निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना” संचालित की जाती है। इस योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिक के अधिकतम दो बच्चों को पात्रता अनुसार कक्षा छह उत्तीर्ण करने के पश्चात स्नातकोत्तर तक 8 हजार से लेकर 17 हजार रुपए तक की तक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
इस तरह बढ़ी अभियान की यात्रा:
श्रम कल्याण अधिकारी उमेश राइका ने बताया कि अभियान में शिक्षा विभाग की ओर से सर्वे कर वंचित एवं पात्र श्रमिकों के बच्चों के आवेदन फ़ॉर्म भरवाए गए, ग्रामीण विकास एवं पंचायातीराज विभाग के माध्यम से श्रमिक का नियोजक प्रमाण पत्र जारी किया गया मनरेगा हाजरी तैयार करवा कर ई—मित्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करवाए गए और श्रम विभाग द्वारा इन्हें स्वीकृत किया गया।