शिक्षा मंत्री ने उदयपुर RSCERT की समीक्षा बैठक शिक्षा ऐसी हो जो नवाचारों के माध्यम से राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे”

शिक्षा मंत्री ने उदयपुर RSCERT की समीक्षा बैठक शिक्षा ऐसी हो जो नवाचारों के माध्यम से राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे”

  RSCERT :  शिक्षा मंत्री , पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तकें संस्कारमयी हों जिसे बच्चे आत्मसात करें और यह परंपरा बन जाए

राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( RSCERT) की समीक्षा बैठक रविवार देर शाम उदयपुर स्थित परिषद मुख्यालय सभागार में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री श्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में हुई। शिक्षा मंत्री ने परिषद के कामकाज की समीक्षा करते हुए पाठ्यक्रम और पाठ्यसामग्री तैयार करने संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने नैतिक शिक्षा पर बल देते हुए पाठ्यक्रम में संस्कार, नैतिक मूल्यों, स्थानीय नायकों, परिवेश, वैदिक गणित, पॉलिथीन का उपयोग रोकने, भारतीय संस्कारों के वैज्ञानिक आधारों इत्यादि को सम्मिलित करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने एक ऐसी शिक्षा एवं पाठ्यक्रम की आवश्यकता को रेखांकित किया जो नवाचारों के माध्यम से राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करती हो एवं जिसे विद्यार्थी सहज ही आत्मसात कर सकें।
पाठ्यक्रम में स्थानीय संदर्भों, नैतिक मूल्यों का हो समावेश—
बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री श्री दिलावर ने कहा कि राजस्थान में 50 तरह की बोलियां बोली जाती हैं उन सभी को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के लिए अच्छी पाठ्य सामग्री का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा में नवाचारों और संस्कारों का संतुलन रखते हुए पाठ्यसामग्री को तैयार करने के निर्देश दिए ताकि शिक्षा और उसके तौर तरीकों को सीख कर विद्यार्थी कुशलतापूर्वक आगे बढ़ सकें।
स्थानीय परिवेश का समावेश, समुदाय को जोड़े—
शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि विद्यार्थियों के लिए शिक्षण सामग्री निर्माण का कार्य पूर्ण मनोयोग से किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इस शिक्षण सामग्री में समावेश होने वाले तथ्यों से स्थानीय समुदाय का भी जुड़ाव सुनिश्चित हो। उन्होंने भारतीय संस्कृति के आदर्शों और प्राचीन परंपराओं की जानकारी विद्यार्थियों को देने के उद्देश्य से विभिन्न बिंदुओं का समावेश करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कैसी शिक्षा देनी है यहां हमारा-आपका दायित्व है, हम सबको बड़ी सावधानी से कार्य करना है। पाठ्य सामग्री तैयार करनी है और विद्यार्थियों के लिए ऐसी पुस्तकों का निर्माण हो जिससे वह आसानी से सीख सके औरउनके व्यक्तित्व का निर्माण हो।
इन विषयों पर हुई चर्चा—
बैठक दौरान अवगत कराया गया कि विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए एक व्यापक नीति निर्माण की आवश्यकता है। इसी प्रकार नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स डाइट्स के माध्यम से किए जाने का सुझाव भी सामने आया। आरएससीईआरटी द्वारा स्थानीय भाषा में तैयार शब्द सारणी का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किए जाने हेतु निदेशालय, आरएससीईआरटी एवं समग्र शिक्षा में समन्वय स्थापित किया जाए। विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से परिषद् द्वारा निर्मित विभिन्न वर्कबुक के उपयोग की मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। वर्कबुक विकास में अन्य राज्यों के विषय विशेषज्ञों को भी सम्मिलित किया जाए।
श्री दिलावर ने परिषद का सामान्य परिचय, प्रशासनिक प्रतिवेदन एवं परिषद की कार्ययोजनाओं की भी जानकारी ली। परिषद् के कार्यों के प्रस्तुतीकरण के पश्चात बैठक के विभिन्न एजेण्डा बिन्दुओं यथा- वर्कबुक लेखन, वर्कबुक समीक्षा समिति, कक्षा 1-8 की पाठ्यपुस्तक लेखन समीक्षा, संस्थापन, नियुक्ति, प्रतिनियुक्ति की अद्यतन स्थिति, विभिन्न प्रभागों के कार्यों की समीक्षा, बजट एवं व्यय समीक्षा, वर्तमान सत्र में शिक्षक प्रशिक्षणों की अद्यतन स्थिति इत्यादि पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त उन्होंने परिषद के विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के संदर्भ में विस्तार से समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश प्रदान किये।

Related posts

राजसमन्द में’प्रोजेक्ट श्रम संबल’ ने लिखी सफलता की कहानी, गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 10 गुणा राशि की स्कॉलरशिप स्वीकृत

Animal Husbandry Minister Jora Ram Kumawat ने पाली जिले में विद्यालय के नवीन भवन की आधार शिला रखी

CM Bhajan Lal Sharma से मिले नवनिर्वाचित विधायक, सीएम ने कहा-जनप्रतिनिधि के रूप में आपकी बढ़ गई है जिम्मेदारी

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Read More