CM Nayab Saini ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कथन अनुसार गंगा की स्वच्छता, गौ माता संवर्धन, गीता का प्रचार और युवाओं में अध्यात्म के माध्यम से संस्कृति एवं संस्कार डालने का प्रयास कर रही है।
CM Nayab Saini आज इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में आयोजित बृज रस कथा के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
CM Nayab Saini ने कहा कि सरकार ने गौ सेवा का बजट 40 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 400 करोड रुपए करने का कार्य किया है। इसके अलावा जो किसान अपने घरों में गाय का पालन करेगा उसे 30000 रुपए की राशि सरकार की ओर से दी जा रही है। सरकार के प्रयासों के चलते प्रदेश में 500 से अधिक गौशालाएं हो गई है। इन गौशाला में सरकार ने चारे की व्यवस्था करने का भी प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि समाज के अनेक दानी सज्जन गायों के अभियान में भरपूर सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि अब पंचायती भूमि पर भी गौशालाएं खोली जा सकती हैं। इसके अलावा जो कोई गौशाला के लिए भूमि देगा उसकी सी एल यू की भी आवश्यकता नहीं है गौशाला में शेड बनाने का भी प्रावधान सरकार द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने गौशाला में गौसेवा भी की ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गीता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया है। कुरुक्षेत्र में गीता के पवित्र स्थल वट वृक्ष के नीचे भगवान श्री कृष्ण ने 5100 वर्ष पहले गीता का संदेश दिया था उसे हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती मना कर देश दुनिया में फैलाया जा रहा है। हर वर्ष एक देश और राज्य पार्टनर के रूप में भाग लेते है। इस प्रकार सरकार ने 10 सालों में संस्कृति और विचारों का समावेश कर सामाजिकता को मजबूती प्रदान करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व स्तर पर आतंकवाद, युद्ध, भय का वातावरण बना हुआ है जिसका स्थाई समाधान अध्यात्म से ही संभव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि संत जन धार्मिक आयोजन कर भक्ति रस कथाओ के माध्यम से समाज में समरसता और संतुलन लाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन लोगों पर काफी प्रभाव डालते हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने संत महापुरुष विचार प्रचार प्रसार योजना के तहत संतो की जयंती मनाने का अवसर प्रदान किया है। इनके माध्यम से महर्षि वाल्मीकि, श्री गुरु नानक देव, श्री गुरु तेग बहादुर, ज्योतिबा फुले, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जैसे महान संतों के विचार जन-जन तक पहुंचाए जा रहे हैं।