PUNJAB के DSP : एस्टर फार्मा को जांच के बाद NDPS कानून के तहत केस दर्ज करना था
PUNJAB के DSP : पंजाब पुलिस अपने ही डीएसपी की तलाश में है। इस डीएसपी को पुलिस रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन दोषी अधिकारी २० मिनट पहले भाग गया। यह मामला नेक्सस के करोड़ों ड्रग्स से जुड़ा है। DSPP का नाम इस मामले में कैसे पड़ा? मामले की पूरी जानकारी है।
PUNJAB के DSP : पंजाब के एक डीएसपी के खिलाफ दवा की जांच से जुड़े एक मामले में 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी डीएसपी के घर पर उनसे पूछताछ की, लेकिन वे नहीं मिले। इससे पहले ही भाग गए। डीएसपी वविंदर महाजन पर कथित रूप से एस्टर फार्मा फर्म से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों का कहना है कि मामला बहुत पुराना है। बाद में वविंदर सिंह को डीएसपी के पद पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) में नियुक्त किया गया था। उनको एक फार्मा ड्रग मामले की जांच सौंपी गई थी।
आरोप है कि उन्होंने 45 लाख रुपये की रिश्वत ली थी, फार्मा कंपनी को फायदा पहुंचाने के एवज में। एस्टर फार्मा को जांच के बाद NDPS कानून के तहत केस दर्ज करना था। डीएसपी ने पैसे लेकर मामला रफा-दफा कर दिया, ऐसा आरोप है। डीएसपी वविंदर महाजन के आवास पर पुलिस ने छापेमारी की थी, सूत्रों ने बताया।
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि डीएसपी दो घंटे पहले ही घर से चले गए। वविंदर महाजन पंजाब आर्म्ड पुलिस (PAP) की नवीं बटालियन में कार्यरत हैं। पुलिस उन्हें खोज रही है। डीएसपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण और एनडीपीएस अधिनियम के तहत मोहाली के स्पेशल टास्क फोर्स पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह डीएसपी की भूमिका मामले में सामने आई थी। ड्रग इंस्पेक्टर शिशन मित्तल से पुलिस ने पूछताछ की थी।
मित्तल पर ड्रग्स तस्करी और धन चोरी के करोड़ों रुपये की संपत्ति के आरोप लगे हैं। एनटीएफ ने मित्तल के घर से 260 ग्राम सोना, 1.49 करोड़ की नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त की थी। साथ ही, आरोपी से अवैध रूप से प्राप्त की गई करोड़ों की संपत्ति का पता लगा है। MITTAL को डबवाली में 40 लाख रुपये का प्लॉट और जीरकपुर में 2 करोड़ रुपये का फ्लैट मिला है। यह पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में कई स्थानों पर रेड किया गया है।
24 फ्रीज खाते मित्तल में फ्रीज किए गए हैं। जिनमें 7.09 करोड़ रुपये कैश मिल गया। दो बैंक लॉकर भी बंद हैं। मामले में 20 फरवरी को एफआईआर दर्ज की गई है। जब पुलिस जांच करने लगी, ANTF में तैनात डीएसपी वविंदर महाजन और उनके साथी लखनऊ के अखिल जय सिंह भी आ गए।