Mahakumbh Internship Program : दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली लायड कॉलेज, गुरु घासीदास केंद्रीय, सैमहिगबाटम, काशी हिंदू , लखनऊ और ग्रामोदय विश्वविद्यालय के छात्र महाकुंभ में इंटर्नशिप कार्यक्रम में ले रहे हैं हिस्सा
महाकुंभ की समरसता, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व का करेंगे अध्ययन सोमवार को विद्यार्थियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की हुई शुरुआत
Mahakumbh Internship Program देश भर के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से आए विद्यार्थी प्रयागराज महाकुंभ के विशाल परिसर में आयोजित इंटर्नशिप कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। यह अनूठा कार्यक्रम महाकुंभ की समरसता, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय महत्व को समझने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। सोमवार को महाकुंभ नगर में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई
सरकार के प्रयासों से महाकुंभ नगरी में स्थापित किए गए इंटर्नशिप केंद्रों पर विद्यार्थी प्रबंधन के कौशल सीखने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी करीब से समझने का प्रयास कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग संस्थानों के छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं, जो अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा कर रहे हैं।
महाकुंभ के महत्व का अध्ययन
विद्यार्थियों को महाकुंभ के सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं का गहन अध्ययन करने का अवसर मिल रहा है। महाकुंभ, जो विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, समर्पण, श्रद्धा और एकता का प्रतीक है। इस इंटर्नशिप के दौरान छात्र-छात्राएं आयोजन की समग्र व्यवस्था, पर्यावरणीय संरक्षण, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा प्रबंधन और सांस्कृतिक गतिविधियों के संचालन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का अवलोकन कर रहे हैं।
संस्कृति और पर्यावरण पर विशेष ध्यान
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को न केवल प्राचीन भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जानने का अवसर मिल रहा है, बल्कि पर्यावरणीय चुनौतियों और उनके समाधानों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। महाकुंभ क्षेत्र में गंगा और उसकी सहायक नदियों की निर्मलता बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों को विद्यार्थी नजदीक से देख रहे हैं।
कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को यह सिखाया जा रहा है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित उपायों के महत्व को समझाने के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है।
इंटर्नशिप के माध्यम से युवाओं को मिल रहा व्यावहारिक ज्ञान
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भाग लेने के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रबंधन के व्यावहारिक गुर सिखाए जा रहे हैं। इसमें भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन स्थितियों से निपटने की रणनीतियां, तकनीकी सहायता का उपयोग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समुचित आयोजन शामिल है। विद्यार्थियों को विभिन्न विभागों और प्रशासनिक इकाइयों के साथ मिलकर कार्य करने का अनुभव हो रहा है।
राष्ट्रीय एकता और समरसता का अनुभव
महाकुंभ में भाग लेने वाले विद्यार्थी विभिन्न राज्यों और भाषाओं से आते हैं, जो राष्ट्रीय एकता और समरसता का संदेश देता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की कीर्तिका महावर ने बताया
“यह न केवल हमारे शैक्षणिक विकास के लिए बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी एक अद्वितीय अनुभव है। हमें यहां प्राचीन भारतीय संस्कृति को समझने और उसका हिस्सा बनने का अवसर मिला है।”
महाकुंभ के आयोजकों का दृष्टिकोण
महाकुंभ आयोजन समिति के एक अधिकारी ने कहा, “यह इंटर्नशिप कार्यक्रम न केवल युवाओं को महाकुंभ के महत्व को समझने का अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से भी जोड़ रहा है। हमारा उद्देश्य है कि ये युवा महाकुंभ की भव्यता और समरसता को आत्मसात करें और इसे अन्य लोगों तक पहुंचाएं।”
आगे की योजना
इस इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थी विभिन्न शोध परियोजनाओं पर भी काम करेंगे। महाकुंभ के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय प्रभावों का दस्तावेजीकरण करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, उनके अनुभवों और सुझावों का उपयोग भविष्य में ऐसे आयोजनों की योजना बनाने में किया जाएगा।
विद्यार्थियों के उत्साह से परिपूर्ण माहौल
महाकुंभ नगरी में इस समय विद्यार्थियों के उत्साह और जोश का माहौल देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम में भाग ले रहे एक अन्य छात्र ने कहा, “यह हमारे लिए एक दुर्लभ अवसर है। हमने किताबों में महाकुंभ के बारे में पढ़ा था, लेकिन इसे प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करना अविस्मरणीय है। हम यहां प्रबंधन से लेकर सांस्कृतिक अध्ययन तक बहुत कुछ सीख रहे हैं।”
महाकुंभ नगर में यह इंटर्नशिप कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल भारतीय संस्कृति और पर्यावरणीय स्थिरता के महत्व को समझने का अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि उनके शैक्षणिक और पेशेवर कौशल को भी बढ़ा रहा है। इस तरह के प्रयास भविष्य में भी युवाओं को जागरूक और सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।