Karwa Chauth :क्या करवा चौथ पर पति को भी व्रत रखना चाहिए? मान्यता और नियमों को जानें

Karwa Chauth :क्या करवा चौथ पर पति को भी व्रत रखना चाहिए? मान्यता और नियमों को जानें

Karwa Chauth : महिलाएं करवा चौथ का व्रत हर साल अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। लेकिन क्या पति को भी अपनी पत्नी की सेहत के लिए इन उपवासों का पालन करना चाहिए?

  • चलिए इसी सवाल का जवाब जानते हैं।

Karwa Chauth : विवाहित महिलाएं पूरे वर्ष करवा चौथ का व्रत मनाती हैं। ये व्रत रखने वाली महिलाएं अपने पति को लंबी उम्र, स्वस्थ और खुशहाल वैवाहिक जीवन देती हैं। इस दिन माता पार्वती, देवी करवा और चंद्र देव की पूजा भी शुभ है। ये व्रत मुश्किल है क्योंकि इस उपवास के दौरान अन्न और जल दोनों खाने की मनाही है।

पति भी बदलते दौर में अपनी पत्नी की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए ये व्रत रखते हैं। विवाहित जोड़े के अलावा, अविवाहित जातक भी करवा चौथ का व्रत रखते हैं। लेकिन ऐसा करना क्या सही है? आज हम आपको धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पति को अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए या नहीं बताने जा रहे हैं।

2024 में करवा चौथ कब मनाया जाएगा?
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर वर्ष करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 06:46 मिनट से शुरू होगी और 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 04:16 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में इस वर्ष उदयातिथि के आधार पर 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। इस दिन शाम को 05 बजे 46 मिनट से 07 बजे 09 मिनट तक देवताओं की पूजा का शुभ मुहूर्त है। 20 अक्टूबर को रात 07:54 बजे चांद निकल सकता है।

करवा चौथ का व्रत पति भी रख सकते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी दोनों रख सकते हैं। जिन लोगों को अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए, वे खासतौर पर प्रेग्नेंट हैं या किसी अन्य कारण से इसे रखने में असमर्थ हैं।

यदि कोई पति अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रखता है, तो उसे पूरी तरह से पूजा जानी चाहिए। व्रत की कहानी भी सुननी चाहिए। करवा चौथ का व्रत रखने से पति-पत्नी का प्रेम बढ़ता है। साथ ही दाम्पत्य जीवन खुश रहता है।

करवा चौथ व्रत की पूजा विधि: करवा चौथ की सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनना चाहिए।
सूर्योदय से पहले व्रत की सरगी खाओ।
देवताओं की पूजा करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
महिलाएं व्रत के दिन 16 श्रृंगार करनी चाहिए। इसे प्रेम का प्रतीक मानते हैं।
शाम को भगवान शिव, माता करवा और पार्वती की पूजा करें।
करवा चौथ की कथा सुनिए।
करवा चौथ पर व्रत की थाली सजाएं। सिंदूर, रोली, अक्षत, मिठाई और करवे में जल भरकर एक थाली में रखें।
चाँद निकलने के बाद उसे पूजें। चंद्र देव को छलनी से देखकर अर्घ्य दें।
उसी छलनी से अपने पति को देखो।
पति का हाथ पीकर व्रत खोलें।

विवरण: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और सिर्फ जानकारी के लिए है।

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