IAS Tina Dhabi: भारत आए पाक विस्थापितों का पुनर्वास पर एक दसवीं युवक किशन राज भील ने एक किताब लिखी है। बड़ी बात यह है कि इस बुक के कवर पेज पर युवक ने आईएएस टीना डाबी की फोटो रखी है। बताया जा रहा है कि युवक टीना डाबी का बड़ा फैन है।
यह युवा सात साल की उम्र में पाकिस्तान से अपने परिवार के साथ जैसलमेर आया था। जिसने पाकिस्तान में भी अत्याचार देखा है और भारत में पाक विस्थापितों को मिलने वाली सुविधाओं और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को भी देखा है।
किशन राज भील ने प्रशंसा की, कि टीना डाबी ने पाक विस्थापितों की बात सुनकर सरकार से उनके लिए जमीन आंवटित करवाई। उनके लोगों की मदद की। वहीं मजदूरी कर अपने परिवार का गुजारा करने वाले इस लेखक कि यह इच्छा है कि ये पुस्तक टीना डाबी तक एक बार जरूर पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने मई 2023 में जैसलमेर शहर से सिर्फ चार किलोमीटर दूर अमरसागर में चार दर्जन पाक विस्थापित हिंदुओं के घरों को अतिक्रमण बताया था। वहां अतिक्रमण के कारण बहुत से लोग बेघर हो गए।
2015 बैच की आईएएस टॉपर टीना डाबी उस समय जैसलमेर जिला कलेक्टर थी। इस कार्रवाई से पाकिस्तान से विस्थापित करीब चालिस परिवार बेघर हो गए। पाकिस्तानी विस्थापितों ने भी जैसलमेर जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया।
किशन राज भील एक युवक है जो जैसलमेर की एक भील बस्ती में रहता है। जो भारतीय नागरिक हैं। और दसवीं तक पढ़ा है और पारिवारिक कर्तव्यों के निरंतर सहायक है इसने पुर्नवासी भील नामक एक लेख लिखा है। 82 पृष्ठ और 6 अध्याय की इस किताब में अखबारों की कटिंग, तथ्यात्मक आंकड़ों, पाकिस्तान में हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों और भारत में मिलने वाली सुविधाओं और कठिनाइयों का जिक्र है। वहीं, इस किताब के मुख्य पृष्ठ पर 2015 की आईएएस टॉपर टीना डाबी का चित्र दिखाया गया है।
दरअसल, इस किताब में उसने मई 2023 में जैसलमेर की तत्कालीन जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। यहां अमरसागर में रह रहे चालिस पाकिस्तानी विस्थापितों के घरों पर चले बुलडोजर से उन्हें बेघर किया गया। पाकिस्तान से भाग गए लोगों का जिक्र किया है। वहीं, प्रदर्शन के बाद पाकिस्तानी विस्थापितों को मूलसागर में चालिस बीघा जमीन देकर वहां बसाने का भी जिक्र किया है। इस लेख में उन्होंने जिला कलेक्टर टीना डाबी का भी शुक्रिया अदा किया है।