HARYANA ELECTION : BJP की साख बचेगी या सुरजेवाला का जादू चलेगा? चुनावी सीट कैथल पर चुनावी समीकरण क्या है?

HARYANA ELECTION : BJP की साख बचेगी या सुरजेवाला का जादू चलेगा? चुनावी सीट कैथल पर चुनावी समीकरण क्या है?

HARYANA ELECTION :जाटों और गुर्जरों की संख्या लगभग 35-35 हजार वोट

HARYANA ELECTION : 5 अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं, 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। कांग्रेस और बीजेपी इस बार कैथल सीट पर प्रतिस्पर्धा करेंगे। चार जाट उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं, गुर्जर समाज से दो व्यक्ति चुनाव में हैं।

HARYANA ELECTION: कैथल विधानसभा सीट पर पिछली बार की तरह इस बार भी कांटे का मुकाबला है। यह हरियाणा की सबसे सुंदर सीटों में से एक है। यह सुरजेवाला परिवार की तीसरी पीढ़ी है। यहां से राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के बेटे को कांग्रेस ने चुना है। यहां चार जाट और दो गुर्जर उम्मीदवार मैदान में हैं।

यहां से विधायक ओम प्रभा जैन थीं। जो राज्य की पहली महिला वित्त मंत्री थीं। यहाँ वे दो बार विजेता रहे। लेकिन 2005 के बाद से यहां सुरजेवाला परिवार का शासन है। हरियाणा के पहले कृषि मंत्री शमशेर सुरजेवाला का परिवार यहां से पांचवीं बार चुनाव लड़ रहा है। भाजपा ने लीला राम, जो फिलहाल विधायक हैं, पर दांव खेला है। इस सीट पर कांटे का मुकाबला होगा।

आप और जेजेपी ने भी जाटों को उतारा

JJP और AAP ने जाट उम्मीदवारों को टिकट दिया है। सतबीर गोयत और संदीप गढ़ी को  मैदान में उतारा है। INLD-BSP गठबंधन ने अनिल तंवर को टिकट दिया है। वहीं, बलराज नौच जेजेपी से अलग हो गए। इसलिए, जाट और गैर जाट को फाइट कहा जाता है। कांग्रेस और बीजेपी में भी अभी विद्रोह नहीं हुआ है।

1967 में स्व. शमशेर सुरजेवाला ने इस सीट पर पहली बार जीत हासिल की थी। 1977, 1982, 1991 और 2005 में भी वे सांसद बने। 1993 में उन्होंने चुनाव जीता था। 1993 में, सुरजेवाला ने इस क्षेत्र से पहली बार उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे। 1996, 2000, 2005, 2009, 2014 और 2019 में सुरजेवाला ने विधायक का चुनाव लड़ा। 1996 और 2005 में, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को हराया था। 2005 और 2009 में सुरजेवाला हुड्डा ने सरकार में मंत्री पद संभाला था। लेकिन 2019 में कैथल से हार गया।

तीसरी बार राम मैदान में लीला

अब उनके बेटे कैथल मैदान में हैं। 2019 में लीला राम ने उनके खिलाफ जीत हासिल की थी। अब उनके बेटे का मुकाबला भी उनसे है। लीला राम ने छात्र संघ चुनाव में भी भाग लिया है। कैथल से तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2000 में वे पहली बार विधायक बने थे। इनेलो ने उनको टिकट दिया था। सुरजेवाला परिवार उनसे दूसरी बार भिड़ गया है। 220459 वोटर कैथल सीट पर हैं। 115566 पुरुष और 104892 महिलाएं हैं। 1 थर्ड जेंडर का वोट है। यही नहीं, इस सीट पर जाट, वैश्य, गुर्जर और पंजाबी सभी के वोट बराबर हैं। जाटों और गुर्जरों की संख्या लगभग 35-35 हजार वोट है।

सुरजेवाला ने पिछले चुनाव में छोटी सी अंतर  से हारी।

25 से 25 हजार वैश्य और पंजाबी वोट हैं। एससी-बीसी में 70,000 वोट हैं। 30 हजार वोट अन्य वर्गों के पास हैं। रणदीप सुरजेवाला ने 2009 और 2014 में यहां से इनेलो के कैलाश भगत को हराया था। 2019 में, सुरजेवाला को लीला राम ने सिर्फ 1246 वोटों से हराया था।

 

Related posts

CM Nayab Saini: धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक 9वां अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जाएगा ।

CM Nayab Saini: हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री के फिट इंडिया विजन को सफल बनाने के लिए संकल्पबद्ध

CM Nayab Saini: किसानों के खेतों से गुजरने वाली हाई टेंशन बिजली की लाइनों के लिए मुआवजा नीति बनाई

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Read More