Haryana news: हरियाणा की नायब सरकार ने पूर्व की मनोहर सरकार के समय विधानसभा में पास हुए दो अहम विधेयक वापस ले लिए हैं। संगठित अपराध और शव के सम्मानजनक “संस्कार” को रोकने के लिए पास किए गए कानूनों को अब फिर से पेश किया जाएगा। सरकार इन दोनों विधेयकों की कमियों को दूर करके फिर से बजट सत्र में पेश कर सकती है। केंद्र सरकार की आपत्ति और विधेयकों पर सुझावों के कारण नायब सरकार को विधेयक वापस लेना पड़ा।
ये दोनों ही विधेयक पूर्व की मनोहर सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में पास हुए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन विधेयकों को राज्यपाल ने राष्ट्रपति भवन भेजा था। दोनों विधेयक को केंद्र ने सुझावों के साथ वापस लौटा दिया। यानी केंद्र ने इन विधेयकों को मंजूरी नहीं दी। अब हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण (हकोका) विधेयक-2023 और हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक-2024 को फिर से प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकार से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दोनों विधेयक को फरवरी के आखिरी या मार्च के पहले सप्ताह में संभावित बजट सत्र में संशोधन के बाद नये सिरे से पेश किया जा सकता है। सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दोनों विधेयकों में कुछ आपत्तियां जताई हैं। इसलिए दोनों बिलों को तकनीकी कमियों को दूर करके संशोधन के बाद फिर से केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
प्रदेश सरकार हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक के माध्यम से राज्य में होने वाले संगठित अपराधों पर नियंत्रण लगाने के लिए कठोर कार्रवाई करना चाहती है। हकोका गैंगस्टरों, उनके मुखियाओं और संगठित अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने में मदद कर सकता है।
हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक में भी किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर छह माह से पांच साल तक कैद व एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।