Delhi Nigambodh Ghat: दिल्ली की राजधानी में भयंकर गर्मी है। इससे शवों की संख्या में तेजी देखने को मिली है। जून महीने में शमशान घाटों में शवों की संख्या में पिछले कुछ सालों से वृद्धि हुई है।
Delhi Nigambodh Ghat पर बुधवार को कोरोना के बाद सबसे ज्यादा शव आए।माना जाता है कि भारी गर्मी इसकी एक वजह है। दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान घाट निगमबोध है। बुधवार को 142 शव आए, जो आम तौर पर 50 से 60 शव प्रति दिन आते हैं। जून महीने में शमशान घाटों में शवों की संख्या में पिछले कुछ सालों से वृद्धि हुई है।
कोविड-19 के दौरान एक दिन में 253 मौतें हुईं
कोविड के दिनों में मरने वालों की संख्या पहले से अधिक थी। उस समय जून में 1500 मौतें हुईं। कोविड महामारी के दौरान एक दिन में निगमबोध घाट पर 253 शव आए थे। निगमबोध घाट के प्रभारी सुमन गुप्ता ने बताया, “राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है।” इससे शवों की संख्या में तेजी देखने को मिली है। कोरोनावायरस के बाद कल सबसे अधिक मौतें हुईं, यह स्पष्ट है।
शवों की संख्या गर्मी या ठंड में बढ़ती है। अत्यधिक गर्मी और हीटवेव की वजह से लोग मर जाते हैं। वहीं सर्दी में बुजुर्ग लोगों को सांस की समस्या होती है, जिससे शमशान घाटों में शवों की संख्या बढ़ जाती है।
अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से मरने वाले मरीजों की संख्या में व्यापक वृद्धि
ध्यान दें कि इस समय पूरा उत्तर भारत भयंकर गर्मी का शिकार है। NCR में हीट स्ट्रोक के मामले बढ़ गए हैं। अस्पतालों में भी मरीज बढ़ने लगे हैं। दस्त, डायरिया, उल्टी आदि रोगों से पीड़ित लोगों की संख्या भी बहुत बढ़ी है। राजधानी दिल्ली में, हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। बुधवार को सफदरजंग अस्पताल में सिर्फ एक दिन में हीट स्ट्रोक के 15 मरीज भर्ती हुए।