Dehradun Medical College: देहरादून मेडिकल कॉलेज में प्राइवेट से कम वेतन मिलने पर डॉक्टर काम नहीं करेंगे। यहां डॉक्टरों ने सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, मेडिसिन और टीबी चेस्ट सहित कई विभागों को छोड़ दिया है।
Dehradun Medical College: बुधवार को दून मेडिकल कॉलेज में 107 मेडिकल ऑफिसर और फैकल्टी के इंटरव्यू हुए। गुरुवार को रिपोर्ट की गई जानकारी के अनुसार, इनमें 22 प्रोफेसर, 42 एसोसिएट प्रोफेसर, 39 असिस्टेंट प्रोफेसर और तीन मेडिकल ऑफिसर बर्न यूनिट के लिए रखे जाने थे। साथ ही एक महिला मेडिकल ऑफिसर की भर्ती भी निकाली गई थी। लेकिन यहां केवल 10 डॉक्टर इंटरव्यू देने पहुंचे। बता दें कि दून मेडिकल कॉलेज में प्राइवेट वेतन तीन से चार गुना अधिक है। यह सरकारी नौकरी से मोहभंग का यह एक महत्वपूर्ण कारण है।
UGC और PG मान्यता पर संकट
फैकल्टी की कमी ने दून मेडिकल कॉलेज की यूजी और पीजी मान्यता को बाधित कर दिया है। NMC ने यूजी सीटों को दो महीने का समय दिया है। साथ ही, चार विभागों में पीजी सीटों से मना करते हुए 30 लाख जब्त कर लिए गए हैं।
53 ने दिया हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में इंटरव्यू
सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को अगले सत्र से शुरू करने का लक्ष्य रखा है। विद्यार्थियों के इंटरव्यू शुरू हो गए हैं। यहाँ 17 प्रोफेसर, 27 एसोसिएट प्रोफेसर, 45 असिस्टेंट प्रोफेसर, दो एमओ और एक एलएमओ की भर्ती निकाली गई है। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि 53 डॉक्टर ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में इंटरव्यू दिया है। परीक्षा जल्द ही जारी की जाएगी। वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव शासन में लंबित है, और फिर से प्रयास चल रहा हैं।