Kedarnath: इस साल की शुरुआत में ही केदारनाथ में यह संख्या पार हो गई थी। 2014 में आपदा के बाद केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई; सिर्फ 40 हजार लोग थे। इसके बाद भक्तों की संख्या हर साल बढ़ी।
2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान शायद ही किसी ने सोचा होगा कि केदारपुरी में फिर से रौनक होगी। आपदा के बाद कुछ वर्षों तक ऐसा देखा गया था, लेकिन अब लगभग दस साल बाद केदारपुरी न सिर्फ नई रौनक और सुंदरता से उभर रही है। वहीं पुजारियों की संख्या दोगुना हो गई।
16 जून तक, 8.88 लाख लोगों ने केदारनाथ की यात्रा की है, इससे अनुमान लगाया जा सकता है। आपदा के वर्ष 3.33 लाख लोग इस दरमियान पहुंचे थे। 2012 में आपदा से पहले 5.73 लाख लोग पूरे वर्ष आए थे।
2023 में यह 19.28 लाख हो गया था। रविवार शाम 7 बजे तक 8,87,883 लोगों ने केदारनाथ का दर्शन किए। पिछले एक दशक में केदारनाथ मंदिर में हुए नए परिवर्तनों ने तीर्थस्थल को एक नया रूप दिया है। बाबा केदार को देखने के लिए बहुत लोग आते हैं।
दिव्य शिला ने आस्था का एक नया स्थान बनाया
Kedarnath: आपदा के दौरान बाढ़ ने केदारपुरी में सब कुछ नष्ट कर दिया था, लेकिन बाबा केदार के मंदिर का एक भी पत्थर नहीं गिरा। दरअसल बाढ़ के दौरान ही एक विशाल शिला ठीक मंदिर के पीछे कवच बनकर आ गई थी।
ओम और शंकराचार्य प्रतिमा की नवीन आभा
ग्यारह साल में केदारनाथ मंदिर परिसर का चित्र भी पूरी तरह से बदल गया है। परिसर में ओम का सुंदर मंदिर और आदि गुरु शंकराचार्य की सुंदर प्रतिमा अलग ही सुंदर दिख रहे हैं।
यात्रियों के लिए स्थानीय ठहरने की सुविधाएं बढ़ी
यात्रियों के ठहरने की सुविधाओं में भी लगातार सुधार हुआ है। केदारनाथ में वर्तमान में 10 हजार यात्रियों के ठहरने की क्षमता बनाई गई है। टेंट कॉलोनी ने इसमें सुधार किया है।
घोड़े-खच्चर का कारोबार 1 अरब से अधिक हो गया
आपदा से पहले घोड़े-खच्चर वालों का कारोबार 20 से 25 करोड़ रुपये तक था, एक अनुमान था। अब वह एक अरब रुपये से अधिक का हो चुका है। पिछले वर्ष सौ करोड़ की कमाई हुई थी।
सबसे अधिक लोकप्रिय सोशल मीडिया पर
आपदा के बाद केदारनाथ आने वालों में अधिक युवा लोग शामिल हैं। सोशल मीडिया पर युवा लोगों ने केदारनाथ मंदिर की यात्रा के बारे में बहुत कुछ लिखा है।