अमन अरोड़ा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष के नेता को आड़े हाथों लिया: बेबुनियाद आरोपों से जनता का विश्वास टूटता है

“हमारी नीयत साफ है, हम किसी भी कमेटी द्वारा जांच के लिए तैयार हैं”: अमन अरोड़ा की बाजवा को चुनौती

कांग्रेस को पहले आत्ममंथन करने की सलाह

अमन अरोड़ा ने भ्रष्टाचार खत्म करने के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई

चंडीगढ़, 25 फरवरी:

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान श्री अमन अरोड़ा ने विपक्ष के नेता (एल.ओ.पी.) प्रताप सिंह बाजवा को सलाह दी कि वे दूसरों पर उंगली उठाने से पहले खुद आत्ममंथन करें।

कैबिनेट मंत्री आज एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला दे रहे थे, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उन्हें वर्ष 2020 के तरनतारन अवैध शराब मामले की जांच जारी रखने की अनुमति नहीं दी गई थी, जिसमें 130 लोगों की जान चली गई थी। इस जांच में पूर्ववर्ती सरकार के 10 कांग्रेसी विधायकों, एक मंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी कुछ लोगों की संलिप्तता पाई गई थी।

श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि यह अपनी कमियों को छिपाकर दूसरों पर आरोप लगाने की अनूठी मिसाल है। उन्होंने विपक्ष के नेता को चुनौती देते हुए कहा कि हमारी नीयत साफ है और हम किसी भी कमेटी द्वारा जांच के लिए तैयार हैं।

श्री अमन अरोड़ा पंजाब विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने सतर्कता ब्यूरो में दर्ज एक शिकायत का हवाला दिया था।

पंजाब सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े रुख को और मजबूत करते हुए, उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे इसमें शामिल कोई भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो।

श्री अरोड़ा ने बिना ठोस सबूत के निराधार आरोप लगाने वाले राजनीतिक नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की हरकतें पूरे राजनीतिक वर्ग में जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा कि केवल इस आधार पर आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए कि संबंधित व्यक्ति विपक्षी पार्टी से है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वसनीय सबूतों के बिना इस तरह के आरोप लगाना वास्तव में जनता की राजनीतिक व्यवस्था में आस्था को खत्म कर देता है।

कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने आश्वासन दिया कि सतर्कता ब्यूरो को मिली शिकायत और इस संबंध में ब्यूरो द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार के अधीन सतर्कता ब्यूरो की कार्यप्रणाली पर विपक्ष के सवालों को खारिज कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहले सतर्कता केस के आधार पर मुद्दा उठाना और बाद में सतर्कता ब्यूरो की निष्पक्षता पर सवाल उठाना अस्वीकार्य है।

उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए विधानसभा कमेटी और पिछली सरकारों के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच के लिए ऐसी समितियों के गठन का समर्थन करते हैं।

कैबिनेट मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. की ईमानदारी की मिसाल भी पेश की। उन्होंने एक घटना का उल्लेख किया, जिसमें मंत्री ई.टी.ओ. ने एक शैलर मालिक के लंबित काम को पूरा करने में उसकी मदद की। इस कार्य के लिए, मंत्री ई.टी.ओ. की सराहना करते हुए, शैलर मालिक ने उन्हें मिठाई का डिब्बा और चावल का थैला उपहार स्वरूप दिया। हालांकि, मंत्री ई.टी.ओ. ने चावल लेने से इनकार करते हुए शैलर मालिक को सुझाव दिया कि इसे किसी जरूरतमंद को दान कर दें। जब मंत्री ई.टी.ओ. को पता चला कि किसी ने इस शैलर मालिक का काम करवाने के बदले 7 लाख रुपये की रिश्वत ली है, तो उन्होंने तुरंत जिला एस.एस.पी. को पैसे वापस करवाने का निर्देश दिया। मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि पैसे वापस नहीं किए गए, तो दोषी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

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