सरकारी योजना के तहत पंजाब में 341 बच्चों को मुफ्त हृदय सर्जरी से नया जीवन मिला

सरकारी योजना के तहत पंजाब में 341 बच्चों को मुफ्त हृदय सर्जरी से नया जीवन मिला

— राज्य के सूचीबद्ध अस्पतालों में करवाई गईं ये जीवनरक्षक सर्जरी, जिन पर लगभग 3.52 करोड़ रुपये खर्च हुए।


— राज्यभर में तैनात मोबाइल स्वास्थ्य टीमें नियमित रूप से सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों का दौरा कर बच्चों की जांच कर रही हैं: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह।

चंडीगढ़, 26 फरवरी:

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अपने सबसे छोटे नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा और उनके स्वस्थ भविष्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित 341 बच्चों की मुफ्त और सफल हृदय सर्जरी करवाई गई है। यह जानकारी आज पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने दी।

जानकारी के अनुसार, जन्मजात हृदय रोग एक जन्मजात विकृति है, जो हृदय या उससे जुड़ी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है। इसके इलाज के लिए अक्सर महंगी सर्जरी की आवश्यकता होती है, जो कई परिवारों की आर्थिक क्षमता से बाहर होती हैं।

इस चुनौती को समझते हुए पंजाब सरकार ने ऐसे बच्चों को एक नया जीवन देने के लिए उनके संपूर्ण इलाज का खर्च उठाने की पहल की है। यह पहल राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर बी एस के ) के तहत की गई है, जो बच्चों में स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द पता लगाने और उनके प्रबंधन के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है।

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024 -25(दिसंबर 2024) के दौरान,सरकार द्वारा राज्यभर के विभिन्न सूचीबद्ध अस्पतालों में करवाई गई इन जीवनरक्षक सर्जरी पर कुल 3.52 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि  आर बी एस के  कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में मोबाइल स्वास्थ्य टीमें तैनात की हैं। प्रत्येक टीम में चार सदस्य होते हैं— दो डॉक्टर (एक पुरुष व एक महिला), एक नर्स, और डेटा प्रबंधन में कुशल एक फार्मासिस्ट शामिल होता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ये टीमें सभी आवश्यक जांच उपकरणों, दवाओं और वाहनों से सुसज्जित हैं और नियमित रूप से सरकारी स्कूलों व आंगनवाड़ियों का दौरा कर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर रही हैं।

इस कार्यक्रम की खासियत यह है कि प्रत्येक बच्चे के लिए एक डिजिटल हेल्थ कार्ड तैयार किया जाता है, जो उसके चिकित्सा इतिहास, विकास और स्वास्थ्य की निगरानी करता है। यह डिजिटल रिकॉर्ड निरंतर निगरानी और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप को सुनिश्चित करता है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।

डॉ. बलबीर सिंह ने राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा,
“यह पहल पंजाब के सभी बच्चों के स्वस्थ बचपन की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हम अपने राज्य को स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता का मॉडल बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, और यह उपलब्धि उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

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