भविष्य: पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देना

भविष्य: पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देना

पेंशन मामलों के निपटारे में देरी और लिपिकीय त्रुटियों की समस्याओं को समाप्त करने के साथ-साथ पेंशनभोगियों को वित्तीय नुकसान और उत्पीड़न से बचाने के लिए, डीओपीपीडब्ल्यू ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/ विभागों के लिए ‘भविष्य’ नामक एक अद्वितीय अभिनव केंद्रीकृत पेंशन प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर पेश की है।

सभी केंद्रीय नागरिक मंत्रालयों और विभागों में 01.01.2017 से ‘भविष्य’ को अनिवार्य कर दिया गया था। वर्तमान में, 99 मंत्रालय/विभाग, 1020 कार्यालय और 8320 डीडीओ इसमें शामिल हैं और 14.08.2024 तक 2,50,845 पीपीओ जारी किए गए हैं। इस सॉफ्टवेयर ने उन सभी हितधारकों को एक साथ लाया है जो अब तक एक ही मंच पर विकेंद्रीकृत थे। इस प्रणाली ने सीसीएस पेंशन नियम, 2021 के सभी नियमों और विनियमों को शामिल करते हुए एक सामान्य पद्धति निर्धारित की है।

भविष्य को एनईएसडीए (नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट), 2021 में तीसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान प्रदान किया गया है।

भविष्य की सर्वोत्तम प्रथाएं निम्नलिखित हैं:

1.सेवानिवृत्त कर्मचारियों का स्व-पंजीकरण: ‘भविष्य’ सॉफ्टवेयर को पेरोल पैकेज के साथ एकीकृत किया गया है और यह सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के मूल डेटा को स्वतः भर देगा और विभिन्न विभागों के साथ-साथ डीओपीपीडब्ल्यू को अगले 15 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की संख्या के लिए आवश्यक एमआईएस प्रदान करेगा।

2. सभी हितधारकों का स्व-पंजीकरण अर्थात डीडीओ/एचओओ/पीएओ आदि

3. सेवानिवृत्त व्यक्ति द्वारा पेंशन फॉर्म स्वयं भरना।

4. कठोर समयसीमा: ‘भविष्य’ सॉफ्टवेयर ने इसमें शामिल सभी हितधारकों के बीच पेंशन प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों के लिए कठोर समयसीमा निर्धारित की है। यह प्रक्रिया सेवानिवृत्ति से 15 महीने पहले ऑनलाइन शुरू होती है और पेंशनभोगी को एक बार एक फॉर्म भरना होता है। यह प्रणाली अपने आप में विभिन्न चरणों के लिए निर्धारित समय-सीमा को पूरा करने के लिए पेंशनभोगी के साथ-साथ हितधारकों को भी अलर्ट करती रहती है।

5. पारदर्शिता और जवाबदेही: पेंशन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही होती है और इस प्रणाली के कारण, देरी के बिंदुओं की पहचान करना और जिम्मेदारी तय करना बहुत आसान हो जाता है।

6. सभी सेवानिवृत्ति लाभों की स्वचालित गणना: सभी मंत्रालयों/विभागों में स्वचालित पेंशन गणना सटीक होती है क्योंकि यह मानवीय मध्यवर्तन को हटाती है और शिकायतों को कम करती है।

7. ईमेल/एसएमएस अलर्ट के माध्यम से रियल टाइम अपडेट: यह प्रणाली केंद्रीय सिविल सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन प्रोसेसिंग से संबंधित उनके संबंधित बैंक खातों में पेंशन के पहले क्रेडिट के चरण तक हर देय और निष्पादित कार्रवाई के लिए ईमेल/एसएमएस अलर्ट के माध्यम से वास्तविक समय अपडेट देने में सक्षम है।

8. ई-पीपीओ: ‘भविष्य’ को सीजीए के पीएफएमएस मॉड्यूल के साथ भी एकीकृत किया गया है और इस कारण अब इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ (ई-पीपीओ) जारी करना संभव हो गया है। ई-पीपीओ संबंधित मंत्रालय/विभाग के पीएओ द्वारा सीपीएओ को प्रेषित किया जाता है जहां से यह बैंक पहुंचता है। भुगतान करने वाली शाखा ई-पीपीओ को ऑनलाइन देख सकती है।

9. शुरू से अंत तक डिजिटलीकरण: ई-पीपीओ एन्क्रिप्टेड रूप में डेटा को स्थानांतरित और स्वीकार करके संपूर्ण पेंशन आवेदन, प्रक्रिया और भुगतान प्रक्रिया को कागज रहित बनाता है।

10. डिजिलॉकर: भविष्य स्वचालित रूप से ईपीपीओ को सेवानिवृत्त व्यक्ति के डिजिलॉकर खाते में भेज देता है ताकि भविष्य में लॉग इन किए बिना इसे कहीं भी/कभी भी एक्सेस किया जा सके।

11. पेंशनभोगियों के लिए पहचान पत्र: भविष्य के माध्यम से पेंशनभोगियों को पहचान पत्र जारी करना।

12. बैंकों के साथ एकीकरण: भविष्य को विभिन्न बैंकों के पेंशन पोर्टलों के साथ एकीकृत किया गया है, जिससे फॉर्म -16, पेंशन पर्ची, जीवन प्रमाणपत्र की स्थिति, बकाया राशि का देय विवरण आदि जैसी सेवानिवृत्ति के बाद की सेवाएं प्रदान की जा सकें।

भविष्य के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप, 83 प्रतिशत अधिवार्षिकी पीपीओ या तो सेवानिवृत्ति से पहले या 30 दिनों के अंदर जारी किए जा रहे हैं।

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