आप और बीजेपी के राज में किसानों को दोहरी मार – औजला
एमएसपी के लिए पहले से कर रहे संघर्ष अब बीजों की भी कालाबाजारी
अमृतसर। सांसद गुरजीत सिंह औजला ने किसानों के हक में आवाज उठाते हुए कहा कि किसानों को आम आदमी पार्टी और बीजेपी के राज में दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। पहले से किसान शंभू बार्डर पर एमएसपी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अब उन्हें बीज भी ब्लैक मार्केट में खरीदने पड़ रहे हैं। जिससे कि पहले मंहगी फसल होगी और फिर सस्ती बिकेगी।
सांसद गुरजीत सिंह औजला ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें कई किसानों के फोन आ चुके हैं और लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि मक्के के बीचों की कालाबाजारी हो रही है। उन्होंने बताया कि 1890 और 1899 जैसी किस्मों के बीजों की कालाबाजारी हो रही है। 2,600 रुपये की कीमत वाले मक्का के चार किलो के पैकेट को कालाबाजारी में 3,500 रुपये में बेचा जा रहा है। किसानों को एक एकड़ में बुवाई के लिए दो पैकेट की जरूरत होती है। मक्का की बुवाई 20 जनवरी से शुरू होकर मार्च तक चलती है। अन्यथा किसानों को अच्छी कीमत मिलती है क्योंकि गर्मियों का मक्का डेयरी फार्मों द्वारा खरीदा जाता है और इसका उपयोग इथेनॉल संयंत्रों में भी किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जहां किसानों को राहत देनी चाहिए वहां किसानों को ब्लैक में महंगे बीज, खाद और दवाईयां खरीदने पड़ रहे हैं। केंद्र की बीजेपी सरकार बड़े उद्योगपतियों की सरकार बनके रह गई है इसके कई उदाहरण सामने हैं जहां बड़े कॉर्पोरेट घरानों के लाखों करोड़ रूपए के कर्जे माफ कर दिए गए लेकिन कर्जे में डूबे किसानों को लगातार और ज्यादा कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है वहीं राज्य की आम आदमी पार्टी की सरकार भी किसानों के लिए दोहरा रवैया अपना रही है। वह भी किसानों का साथ नहीं दे रही।
उन्होंने कहा कि अब मक्के की बुआई का समय चल रहा है और किसानों को मक्के का बीज ब्लैक में एमआरपी से ज्यादा कीमत पर खरीदना पड़ रहा है। सरकार किसानों को धान की फसल छोड़कर मक्का बीजने पर बोनस देने और फसल को एमएसपी पर खरीदने के लिए प्रोत्साहित तो करती है लेकिन न तो किसानों को मक्का का बीज एमआरपी पर भी उपलब्ध करवा पा रही है और न ही मक्का की फसल को एमएसपी पर खरीद रही है। उन्होंने कहा कि पहले तो बीज महंगा खरीदना पड़ता है उसके बाद जब फसल पक कर तैयार हो जाती है तो वही फसल एमएसपी नहीं बिकती और सस्ते दामों में बेचने पर मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस मसले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकाकर और राज्य सरकार दोनो ही तुरंत एक्शन ले क्योंकि बीज और फसल का नुक्सान ना केवल किसानों का नुक्सान होगा बल्कि मंहगाई भी बढ़ेगी। इसीलिए तुरंत कालाबजारी पर रोक लगाए ताकि किसानों को तय रेट यानि एमआरपी पर मक्का का बीज मिल सके।